
भारतीय साक्ष्य अधिनियम का परिचय :-
✓भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 दिनांक 11 अगस्त, 2023 को लोकसभा के पटल पर रखा गया। और उसी दिन स्थाई समिति को भेज दिया ।
✓समिति ने अपनी रिपोर्ट 10 नवम्बर, 2023 को प्रस्तुत की।
✓दिनांक 25 दिसम्बर, 2023 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई
✓दिनांक 1 जुलाई, 2024 से लागू किया गया ।
✓भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 में कुल 170 धाराएं है।
✓भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 में कुल 12 अध्याय है।
✓बी.एस.ए. की धारा 170 द्वारा IEA, 1872 को निरसित किया गया है।
✓B.S.A. 2023 का एक्ट नम्बर 47 हैं।
✓भारतीय साक्ष्य अधिनियम प्रक्रियात्मक विधि है (Procedural Law)
✓साक्ष्य अधिनियम का प्रभाव भूतलक्षी है।
साक्ष्य शब्द का अर्थ:-
साक्ष्य शब्द लैटिन शब्द (ऐविडेरे) शब्द से निकला है
जिसका तात्पर्य है स्पष्ट रूप से पता लगाना सुनिश्चित (अभिनिश्चित), साबित करना
साक्ष्य की परिभाषा :-
(1) ऐसी कोई भी चीज़ चीज या वस्तु जो न्यायालय के समक्ष किसी तथ्य को सिद्ध (साबित) या असिद्ध (नासाबित) करने के लिए किया जाता है साक्ष्य कहलाता है। जो मौखिक दस्तावेजी, परिस्थतिजन्य इत्यादि हो सकता है।
(2) वे सभी साधन जिनकी प्रवृति किसी विवाध्दक बिन्दु या तथ्य को साबित या नासाबित करने की होती है तथा जिनको न्यायिक कार्यवाही में पेश किया जाता हैं।
(3) साक्ष्य वह है जिसे न्यायालय विवाध्दक बिन्दु या तथ्य के सत्य को अभिनिश्चित करने या स्पष्ट करने के लिए अनुज्ञात करता है।
नोट:-
proof is the effect or result of Evidence while evidence is the medium of proof
“सबूत साक्ष्य का प्रभाव या परिणाम है जबकि साक्ष्य सबुत का माध्यम है”
साक्ष्य के प्रकार:-
(1) प्रत्यक्ष साक्ष्य
(2) परिस्थितिजन्य साक्ष्य
(3) वास्तविक या भौतिक साध्य
(4) अनुश्रुत साक्ष्य (सुनी-सुनाई)
(5) प्राथमिक या मुख्य साक्ष्य
(6.) द्वितीयक या गौण साक्ष्य
(7) मौखिक साक्ष्य
(8) दस्तावेजी साक्ष्य
(9) वैज्ञानिक साक्ष्य
(10) इलेक्ट्रोनिक साक्ष्य
स्वर्णिम नियम (आधारभूत सिद्धात) गोल्डन रुल्स भारतीय साक्ष्य अधिनियम :-
(1) साक्ष्य विवाध्दक तथ्यों एवं सुसंगत तथ्यों तक सीमित होना चाहिए :- धारा -(3)
(2) मौखिक साक्ष्य प्रत्यक्ष होना चाहिए या अनुश्रुत साक्ष्य को ग्रहण नहीं करना चाहिए :- धारा -(55)
(3) हर परिस्थितियों में सर्वोत्तम साक्ष्य प्रस्तुत किया जाना चाहिए :- धारा -(59-94)