दांपत्य अधिकारों का पुनर्स्थापना?

जब विवाह का एक पक्षकार दूसरे पक्षकार के साथ रहने से इनकार करता है तो वह पक्षकार दूसरे पक्षकार को साथ रहने के लिए बाध्य कर सकता है। पीड़ित पक्षकार न्यायालय में दांपत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन का वाद दायर कर सकता है। प्रत्यास्थापन की डिक्री का मतलब है न्यायालय दोषी पक्षकार को निर्दोष पक्षकार के […]

दांपत्य अधिकारों का पुनर्स्थापना? Read More »

हिंदू विवाह केलिए आवश्यक शर्तें? हिन्दू विवाह संविदा है या धार्मिक सस्कार

हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 5 में जो शर्ते दी गई है उन शर्तों का उल्लंघन होने पर किसी विवाह को शून्य और शून्यकरणीय घोषित किया जाता है। एक वैध हिंदू विवाह के लिए इन शर्तों का होना आवश्यक है- 1) एक समय में एक ही विवाह (द्विविवाह)- हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा

हिंदू विवाह केलिए आवश्यक शर्तें? हिन्दू विवाह संविदा है या धार्मिक सस्कार Read More »

हिन्दू विधि के प्रमुख स्रोत? प्राचीन व आधुनिक स्रोत

हिन्दू विधि के स्रोत (Sources of Hindu Law) हिन्दू विधि के नियम जिन साधनों से प्राप्त हुये है उन्हें हिन्दू विधि का स्रोत कहां जाता है। हिन्दू विधि को दो भागों में बांटा जा सकता है- हिन्दू विधि के मुख्य स्रोतों को दो भागों में बांटा जाता है 1) प्राचीन या मूल स्रोत- ⅰ) श्रुति

हिन्दू विधि के प्रमुख स्रोत? प्राचीन व आधुनिक स्रोत Read More »

हिन्दू विधि की प्रमुख शाखाएं? मिताक्षरा व दायभाग शाखा

प्रारंभ में हिंदू विधिशास्त्र की कोई शाखा नहीं थी। हिंदू विधिशास्त्र समस्त क्षेत्रो पर लागू था लेकिन कुछ समय बाद स्मृतियों की व्याख्या के लिये अनेक टीकाएं विभिन्न विद्वानों द्वारा रची गई। इन विद्वानों ने अपनी टीकाओं में अपने-अपने देश में विभिन्न प्रथाओं को भी स्थान दिया और इस तरह हिंदू विधि की शाखाओं का

हिन्दू विधि की प्रमुख शाखाएं? मिताक्षरा व दायभाग शाखा Read More »

हिन्दू कौन है? क्या धर्म परिवर्तन द्वारा हिन्दू हो सकते हैं

हिंदू विधि जिन व्यक्तियों पर लागू होती है उन्हें हम तीन वर्गों में बांट सकते हैं- 1) वे व्यक्ति जो धर्म से हिंदू, जैन, बौद्ध या सिक्ख है। 2) वे व्यक्ति जो हिंदू, जैन, बौद्ध या सिक्ख माता-पिता (या दोनों में से किसी एक) की संतान है। 3) वे व्यक्ति जो मुसलमान, ईसाई, पारसी या

हिन्दू कौन है? क्या धर्म परिवर्तन द्वारा हिन्दू हो सकते हैं Read More »

What is Nervous Shock?

साधारण शब्दों में- सदमा। अर्थ (Meaning)-जब किसी व्यक्ति को तात्रिकीय असावधानी से तांत्रिकीय संताप होता है जिससे मानवीय भावनाओं को ठेस पहुंचती है या सदमे से शरीर को अन्य प्रकार की पीड़ा पहुंचती है तो उसे तांत्रिकीय आघात कहते हैं और पीड़ित व्यक्ति नुकसानी का दावा कर सकता है। केस- ओवेस बनाम लिवरपूल कॉरपोरेशन (1807)-

What is Nervous Shock? Read More »

दुर्भावनापूर्ण अभियोजन (Malicious Prosecution)

दुर्भावनापूर्ण अभियोजन (Malicious Prosecution)- अर्थ (Meaning) :- हर व्यक्ति को यह अधिकार होता है कि उसे गलत कानूनी कार्यवाही से परेशान न किया जाए और यदि कानूनी कार्यवाही का उद्देश्य न्याय पाना न हो बल्कि न्यायालय की शक्ति का दुरुपयोग करने का गलत उद्देश्य हो तो ऐसी कार्यवाही उचित है समझ में नहीं आएगा। परिभाषा

दुर्भावनापूर्ण अभियोजन (Malicious Prosecution) Read More »

What is Trespass , Definition,Trespass Ab Initio,

अतिचार (Trespass) परिभाषा (Definition) :- किसी व्यक्ति के घर या भूमि में गलत ढंग से प्रवेश करना या उसके कब्जे में बाधा पहुंचाना अतिचार कहलाता है। दूसरे शब्दों में बिना कानूनी औचित्य के किसी की भूमि में थोडा सा भी हस्तक्षेप अतिचार माना जाता है। उदाहरण के लिए– किसी की जमीन पर पत्थर फेंकना, किसी

What is Trespass , Definition,Trespass Ab Initio, Read More »

Trespass to Person, Assault, Battery, Mayhem,False Imprisonment?

शरीर के प्रति अतिचार (Trespass to Person) शरीर के खिलाफ किए जाने वाले अपकृत्यो को चार भागों में बांट सकते हैं:- 1) हमला (Assault) 2) प्रहार ( Battery) 3) अंग भंग (Mayhem) 4) मिथ्या कारावास (False Imprisonment) हमला (Assault)- अर्थ (Meaning)- किसी व्यक्ति के शरीर पर गैरकानूनी ढंग से हाथ छोड़ना या किसी को जानबूझकर

Trespass to Person, Assault, Battery, Mayhem,False Imprisonment? Read More »

राज्य का प्रतिनिधित्व दायित्व? Liability of state

राज्य का दायित्व (Liability of State) राज्य अपने सेवक के अपकृत्यो के लिए कहां तक जिम्मेदार है, इस पर विचार करने के लिए हम इसे दो भागों में बांट सकते हैं- 1) राज्य के कार्य (Act of State) – इसमें वे मामले आते हैं जहां राज्य के सेवक उन विदेशियों को क्षति पहुंचाते हैं जिन

राज्य का प्रतिनिधित्व दायित्व? Liability of state Read More »